1. DAYALU SHIKARI | दयालु शिकारी (चित्रपाठ)
1. दयालु शिकारी (चित्रपाठ)
- चित्रों के आधार पर दयालु शिकारी कहानी लिखिए
:
Ø
निम्नलिखित
प्रश्नो के उत्तर सही विकल्प चुनकर दिजिए ।
(1) जंगल में शिकारी ने किसको देखा ?
(अ) लोमड़ी (ब) हिरनी (क) बकरी (ड) उटनी
(2) शिकारी हिरनी को कहाँ ले जाता है ?
(अ) जंगल (ब) गाँव (क) अस्पताल (ड) शहर
(3) शिकारी को हिरनी को देखकर क्या हुआ ?
(अ) खुशी (ब) पछतावा (क) दु:ख (ड) अफसोस
(4) पशु-पक्षी के बच्चे को क्या कहते है ?
(अ) पिल्ला (ब) शिशु (क) मेमना (ड) शावक
अभ्यास
1. चित्र का अवलोकन करके निम्नलिखित प्रश्नो के उत्तर लिखिए :
(1)
इस चित्रपाठ में किस पशु की बात है ?
उत्तर : इस चित्रपाठ में हिरनी की बात है ।
(2)
आपने किन-किन पशुओं को देखा है ?
उत्तर : मैने कुत्ता, बिल्लि, बकरी, भैंस, गाय, बैल, ऊँट, गधा, हाथी, घोड़ा, खरगोश, हिरन, शेर, लोमड़ी, भालु आदि पशुओं को देखा हैं ।
(3)
जंगल में कौन- कौन से पशु देखने को मिलते हैं ?
उत्तर : जंगल में शेर, चित्ता, लोमड़ी, भालु, बाघ, जिराफ, हाथी, बंदर, हिरन, साबर, खरगोश आदि पसु देखने को मिलते हैं ।
(4)
चित्रपाठ के आधार पर शब्दों की सुचि बनाईए ।
उत्तर : दयालु, शिकारी, बंदूक, गोली, निशाना, हिरनी, शावक, जंगल, दया, अस्पताल, ईलाज, पछतावा, आँसु ।
(5)
चित्रपाठ के आधार पर चुने गए शब्दों को लेकर वाक्य बनाईए ।
उत्तर :
1.
दयालु = राम दयालु राजा थे ।
2.
शिकारी = शिकारी जंगल में शिकरा करने गया ।
3.
बंदूक = शिकारी के हाथ से बंदूक नीचे गीर गई ।
4.
गोली = शिकारी ने हिरनी पर गोली चलाई
5.
निशाना = शिकारी का निशाना बिलकूल ठीक था ।
6.
हिरनी = रोहन ने जंगल में हिरनी देखी ।
7.
शावक = हिरनी ने सुंदर शावक को जन्म दिया ।
8.
जंगल = जंगल में अनेक पशु- पक्षी रहते हैं ।
9.
दया =
भिखारी को देखकर मनोज को दया आ गई ।
10.
अस्पताल = विशाल अपने मित्र को अस्पताल ले गया ।
11.
ईलाज = विशाल ने घायल रमेश का ईलाज करवाया ।
12.
पछतावा = माता- पिता से झुठ बोलने पर हिरेन को पछतावा हुआ ।
13.
आँसु = दर्द के कारण नियती की आँखो में आँसू आ गए ।
- → चित्रों के आधार पर निम्नलिखित जैसे प्रश्न पूछकर ‘दयालु शिकारी’ कहानी बनाईए :
(1)
पहले चित्र में हिरनी क्या कर रही है ?
उत्तर : पहले चित्र में हिरनी जंगल में घुम रही है ।
(2)
हिरनी जंगल में क्या-क्या खाती होगी ?
उत्तर : हिरनी जंगल में घास, पत्ते, फूल आदि खाती होगी ।
(3)
हिरनी देखने में कैसी थी ?
उत्तर : हिरनी देखने में बहुत सुंदर थी ।
(4)
शिकारी हिरनी का शिकार करना क्यों चाहता था ?
उत्तर : शिकारी को हिरन का मांस खाने की इच्छा हुई, इसलिए शिकारी हिरनी का शिकार करना चाहता था ।
(5)
गोली मारने के बाद शिकारी ने क्या किया ?
उत्तर : गोली मारने के बाद शिकारी हिरनी को लेने के लिए उसके पास गया ।
(6)
हिरनी के समीप जाकर शिकारी ने क्या देखा ?
उत्तर : हिरनी के पास जाकर शिकारी ने देखा कि हिरनी ने एक सुंदर शावक को जन्म दिया है ।
(7)
शिकारी हिरनी को कहाँ ले गया ? क्यों ?
उत्तर : गोली मारने के बाद शिकारी ने देखा कि हिरनी ने एक सुंदर शावक को जन्म दिया है, इसलिए शिकारी को हिरनी पर दया आ गई और वह उसे अस्पताल ले गया ।
(8)
शिकारी ने हिरनी के साथ कैसा व्यवहार किया ? क्यों ?
उत्तर : शिकारी ने हरनी के साथ अच्छा व्यवहार किया, क्योंकि शिकारी ने देखा कि हिरनी ने एक सुंदर शावक को जन्म दिया है, इसलिए शिकारी को हिरनी पर दया आ गई ।
3. वर्ण के आधार पर अधिक से अधिक शब्द बनाइए :
उदाहरण : ख =
खरगोश, खाली, खाना.......
1. ट = टमाटर, टिकट, टोली, टेलिफोन, टोपी, टेबल ।
2. ड = डमरु, डंका, डब्बा, डर, डाकिया, डायरी, डूँगर ।
3. म = मकान, महान, मक्का, माता, मोती, मित्र, मीट्टी ।
4. भ = भजन, भाग्य, भीख, भूख, भगवान, भूकंप, भौतिक ।
स्वाध्याय
1. शिकारी हिरनी के पास क्यों गया ? अपने विचार लिखिए :
उत्तर : शिकारी हिरनी का शिकार करके उसका माँस खाना चाहता था ।
इसलिए उसने हिरनी पर गोली चलाई । शिकारी हिरनी के पास गया क्योंकि वह अपना शिकार लेना चाहता था ।
2.
1.
बातूनी कछुआ
एक तालाब था । उसमें एक कछुआ रहता था । वह बहुत बातूनी था । वहीं दो हंस भी रहते थे । वे उसके अच्छे मित्र बन गए थे ।
एक साल वहाँ बरसात बहुत कम हुई । तालाब का पानी सूखने लगा । हंसों ने कछुए के साथ दूसरे तालाब पर जाने का निश्चय किया । वे एक लकड़ी ले आए और उसका एक – एक सिरा अपनी-अपनी चोंच से पकड़ लिया । बीच का भाग कछुए ने अपने मुँह से पकड़ लिया । हंसों ने कछुए से कहा, “ भाई तुम रास्ते में बोलना मत। बोलोगे तो लकड़ी मुंह से छुट जाएगी और तुम नीचे गिर पड़ोगे ।”
दोनों हंस कछुए को लेकर उड़ने लगे। रास्ते में एक गााँव आया। गााँव के लोग इस प्रकार कछुए को लेकर उड़ते हुए हंसों को देखने के लिए जमा हो गए । लोगों को देखकर कछुए से चुप न रहा गया । उसने बोलने के लिए अपना मुँह खोला । उसी समय लकड़ी मुँह से छूट गई और वह जमीन पर गिर पड़ा और मर गया ।
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2. चतुर कौआ (प्यासा कौआ)
एक कौआ गर्मी के दिनो में एक
गाँव से दूसरे गाँव में जा रहा था । गाँव बहुत दूर था । कौआ उड़ता – उड़ता थक गया
। गरमी की वजह से उसे बहुत प्यास लगी थी । वह उड़ते हुए पानी ढूँड़ रहा था पर उसे
रास्ते में कहीं कुआ, तालाब या नदी नहीं दिखाई दी । अचानक उसे एक झोपड़ी दीखाई दी
। झोपड़ी के बाहर एक मिट्टी का घड़ा रखा हुआ था । कौआ उस घड़े पर जा बैठा । उसने
देखा कि घड़े मे पानी बहुत कम है । उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुँच रही थी । कौए को
बहुत प्यास लगी थी पर अब वह करे क्या ?
कौए को एक युक्ति सुझी । वह
आस-पास पड़े कंकड- पथ्थर अपनी चोंच से पकड़ कर घड़े में डालने लगा । जब तक घड़े का
पानी उपर नहीं आ गया तब तक वह घड़े में कंकड- पथ्थर डालता रहा । जब पानी उपर आ गया,
तो वह पानी पीकर अपनी प्यास बुझाकर वहाँ से उड़ गया ।
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एक दिन एक कौए को एक पूरी मिली और उसे वह अपनी मुँह मे लेकर उड़ गया और एक पेड़ के उपर जा कर बैठ गया । तभी वहा से एक लोमड़ी निकल रही थी, उसे भी भूख लगी थी । उसने ऊपर देखा कि कौए के मुँह में पूरी थी । लोमड़ी को पूरी खाने की इच्छा हई तो उसने सोचा, चलो इस कौए को बातों मे उलझा के उससे वो पूरी ले लू।
लोमड़ी ने कौए को बुलाया, “कौए भाई कैसे हो? बहोत दिन बाद मिले हो ! काफी दिन से आपकी आवाज़ नहीं सुनी, तो आज आपकी मधुर आवाज़ में गाना सुना दो।”
ये बात सुनते ही कौआ लोमड़ी की चालाकी समझ गया । उसने अपनी पूरी को पंजे से पकड़ लिया और फिर काँव – काँव करने लगा।
यह देखकर लोमड़ी को समझ आ गया की कौआ उसकी बात में नहीं आया । कौआ समझदार लग रहा है। और लोमड़ी वहाँ से चली गई । उसके बाद कौए ने अपनी पूरी आराम से मजे से खाई ।
सचमुच, हमें अपने आप पर भरोसा होना चाहिए और दूसरों की बोतो में नहीं आना चाहिए ।
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4. प्रश्न : 2 और 3 में से आपको कौन सी कहानी अच्छी लगी ? क्यों ?
उत्तर : प्रश्न : 2 और 3 में तीन कहानीयाँ है: 1. ‘बातूनी कछुआ’, 2. ‘चतुर कौआ’ और 3. ‘कौआ और लोमड़ी’ । तीनो
कहानियाँ बहुत अच्छी और संदेश देनेवाली है । मुझे इन तीनों कहानियों में से तिसरी
कहानी कौआ और लोमड़ी बहुत अच्छी लगी ।
‘कौआ और
लोमड़ी’ कहानी बहुत पुरानी कहानी है, जिसको नया रुप देकर बोध
सुचक बनाया गया है । पुरानी कहानी हमने सुनी है, जिसमें कौआ अपनी प्रशंसा सुनकर
फूला नहीं समाता और लोमड़ी के बहकावे में आकर गाना गाता है, और पूरी उसके मुँह से
गिर जाती है । लोमड़ी वह पूरी लेकर भाग जाती है और खा जाती है ।
परंतु इस कहानी में अपनी प्रशंसा सुनकर कौआ बहकता
नहीं और लोमड़ी की चालाकी समझ जाता है और
मूर्ख नहीं बनता ।
यह कहानी हमें यह सीख देती है कि हमें उन लोगो से सावधान
रहाना चाहिए जो हमारी प्रसंशा कर के अपना कार्य हमसे सिद्ध करवाना चाहते हैं । यदि
कोई हमारी प्रशंसा करता है तो हमें समझ जाना चाहिए कि वह हमसे कुछ अपने स्वार्थ का
काम करवाना चाहता है ।
5. नीचे दिए गए शब्दों में से विरोधी शब्द घेरे में से ढुँढ़कर वाक्य प्रयोग कीजिए :
(1) दयालु (2) बहुत (3) स्वस्थ (4) खुश (5) जन्म (6) बुराई
Ú दयालु राजा ने गरीब किसान को अपने बैल दै दिए ।
Ú निर्दयी शिकारी ने हंस को बाण मारा ।
2. बहुत x थोड़ा
Ú राहुल ने आज बहुत खाना खाया ।
Ú घरवालों के लिए थोड़ा खाना ही बचा ।
3. स्वस्थ x अस्वस्थ
Ú डॉक्टर की दवाई से मनोज स्वस्थ हो गया ।
Ú मच्छर के काटने से रवि अस्वस्थ हो गया ।
4. खुश x नाखुश
Ú रोहन आज बहुत खुश है ।
Ú अशोक सैनिको के शव देखकर नाखुश हुआ ।
5. जन्म x मरण
Ú दुर्गाष्टमी के दिन विपुल का जन्म हुआ था ।
Ú दशहरा के दिन रावण की मरण हुआ ।
6.
बुराई x भलाई
Ú हमें किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए ।
Ú भलाई करने वालों के साथ हंमेशा अच्छा होता है ।
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आप पढ़ चुके हैं कि किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान या भाव को प्रकट करने वाले शब्दों को ‘संज्ञा’ कहते हैं ।
संज्ञा की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लीक करें
6. नीचे दिए गए वाक्यों में जो ‘संज्ञा’ है, उन्हें रेखांकित कीजिए :
उदाहरण : थोड़ी देर बाद उसे राम और श्याम मिले ।
(1) पूजन की परीक्षा पाँच बजे तक चलनेवाली थी ।
(2) सब अम्बाजी जा रहे थे ।
(3) गुलाब का फूल मुझे पसंद है ।
(4) हिमालय की चढ़ाई बहुत कठिन थी ।
(5) आज बिल्ली सारा दूध पी गई ।
7. अंदाज अपना – अपना :
·
यदि शिकारी की जगह तुम होते तो क्या करते ? चर्चा किजिए ।
उत्तर : यदि मैं शिकारी की जगह होता तो मैं हिरनी पर गोली ही नहीं चलाता ।
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