STD 7 HINDI SEM 2 LESSON 3. SACHCHA HIRA | सच्चा हीरा

3. सच्चा हीरा
Ø       समानार्थी शब्द :
हीरा           = नररत्न, बहुत ही अच्छा आदमी
चहचहाना     = चहकना, चहकारना
नीड़           = घोंसला
कंठ           = गला, आवाज़, स्वर, शब्द
चाव           = प्रबल इच्छा, लगन
प्रशंसा         = तारीफ, गुण वर्णन
बराबरी        = तुलना, समता, समानता
सामर्थ्य       = बल, योग्यता
पछाड़ना      = हराना, पटकना या गिराना
आधुनिक     = अर्वाचीन, नवीन
बृहस्पति      = देवों के गुरु
साक्षात्        = सामने, सम्मुख, प्रत्यक्ष, मूर्तिमान
निवास                = घर, रहने का स्थान
टोकना        = रोकना या पूछताछ करना
मधुर           = मीठा
गर्व            = अभिमान
प्रकृति         = स्वभाव



Ø      विऱोधी शब्द (विलोम शब्द) :
अस्त          X      उदय
मधुर           X      कर्कश
अच्छा          X      बुरा
प्रशंसा         X      बुराई
शक्तिशाली    X      कमज़ोर, शक्तिहीन
बहादूर        X      डरपोक
आधुनिक     X      पौराणिक
बुद्धिमान      X      बुद्धिहीन
Ø       मुहावरें
चलपड़ना                     = गमन करना, जाना
इधर-उधर की बातें करना   = गप्प ठोकना
लाखों में एक होना           = विशिष्ट होना
प्रशंसा करना                 = तारीफ करना
पछाड देना                    = हराना-गिराना
बराबरी करना                = मुकाबला करना
सच्चा हीरा होना              = अच्छा आदमी होना
Ø      अनुलेखन :



        सूर्य अस्त हो रहा था । पक्षी चहचहाते  हुए अपने- अपने नीड़ की ओर जा रहे थे । गाँव की कुछ स्त्रियाँ पानी लेने के लिए घड़े लेकर कुए की ओर चल पड़ी । पानी भरकर कुछ स्त्रियाँ तो लौट गई परन्तु उनमें से चार, कुएँ की जगत पर बैठकर इधर- उधर की बातें करने लगीं । बातचीत करते-करते बात बेटों पर जा पहुँची । उनमें से एक की उम्र सबसे बड़ी लग रही थी । वह कहने लगी, “भगवान सबको मेरे बेटे जैसा बेटा दे । मेरा बेटा लोखों में एक है । उसका कंठ बहुत मधुर है । वह बहुत अच्छा गाता है । उसके गीत को सुनकर कोयल और मैना भी चुप हो जाती है । लोग बड़े चाव से उसका गीत सुनते हैं ।
Ø     अनुवाद :
સૂર્ય આથમી રહ્યો હતો. પક્ષીઓ કલરવ કરતા-કરતા પોતાના માળામાં જઈ રહ્યા હતા. ગામની કેટલીક સ્ત્રીઓ પાણી ભરવા માટે ઘડ઼ા લઈને કુવા તરફ ચાલતી થઈ. પાણી ભરીને કેટલીક સ્ત્રીઓ તો પોતાના ઘેર જતી રહી, પરન્તુ તેમાથી ચાર, કુવાના ઓટલા પર બેસીને અહીં-તહીંની વાતો કરવા લાગી. વાતચીત કરતા-કરતા વાત દીકરાઓ પર જઈ પહોંચી. તેમાથી એકની ઉંમર સૌથી મોટી લાગી રહી હતી. તે કહેવા લાગી, ભગવાન બધાને મારા દીકરા જેવો દીકરો આપે. મારો દીકરો લાખોમાં એક છે. તેનો કંઠ ખૂબ જ મધુર છે. તે ખૂબ જ સરસ ગાય છે. તેના ગીતો સાંભળીને કોયલ અને મેના પણ ચુપ થઈ જાય છે. લોકો ખૂબ જ ધ્યાનથી તેનું ગીત સાંભળે છે.
Ø         नीम्न लिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
(1)      कुएँ की जगत पर कितनी स्त्रियाँ बैठी थी ?
जवाब: कुएँ की जगत पर चार स्त्रियाँ बैठी थी ।
(2)     बातें करते-करते बात किस पर जा पहुँची ?
जवाब: बातें करते-करते बात बेटों पर जा पहुँची ।
(3)     पहली स्त्री का बेटा किस कला में निपूर्ण था ?
जवाब: पहली स्त्री का बेटा गीत गाने में निपूर्ण था ।
(4)     दुसरी स्त्री का बेटा कैसा था ?
जवाब: दुसरी स्त्री का बेटा बहुत ही शक्तिशाली और बहादुर था ।
(5)     तिसरी स्त्री के बेटे की क्या विशेषता थी ?
जवाब: तिसरी स्त्री के बेटे की विशेषता थी कि वह जो कुछ पढ़ता था, एकदम याद कर लेता था ।
(6)     चौथी स्त्री ने अपने बेटे की प्रशंसा क्यों नही की ?
जवाब: चौथी स्त्री ने अपने बेटे की प्रशंसा नही की, क्योंकि वह न तो गंधर्व-सा गायक था, न भीम-सा बलवान और न ही बृहस्पति-सा बुद्धिमान ।
(7)     चौथी स्त्री का बेटा देखने में कैसा लग रहा था ?
जवाब: चौथी स्त्री का बेटा देखने में बहुत ही सीधा-सादा और सरल प्रकृति का लग रहा था ।
(8)     किस स्त्री का बेटा सच्चा हीरा था ?
जवाब:चौथी स्त्री का बेटा सच्चा हीरा था ।
(9)     'सच्चा हीरा' पाढ का साहित्य प्रकार कौन-सा है ?
जवाब: 'सच्चा हीरा' पाढ का साहित्य प्रकार 'कहानी' है ।
-: अभ्यास :-



प्रश्न:1 निम्न लिखित प्रश्नो के उत्तर दीजिए
(1)      चौथी स्त्री का बेटा सचमुच हीरा था । क्यों ?
जवाब: चौथी स्त्री का बेटा दुसरी स्त्रियों के बेटो की तरह अपनी माँ को अनदेखा करके वहाँ से चला नहीं गया । अपनी माँ को देखकर वह रुक गया और मना करने पर भी उसने माँ के सिर से पानी  से भरा घड़ा उतारकर अपने सिर पर रखा और धर की और चल पड़ा । इस प्रकार माँ की सेवा करने वाला बेटा ही सच्चा हीरा था ।
(2)     अपने घर में आप आपने माता-पिता को कौन-कौन से काम में मदद करते हैं ?
जवाब: मैं नल से पानी भरने में माँ की मदद करता हूँ । बाज़ार से सब्जियाँ ओर किराने का सामान लाने में मदद करता हूँ । में घर की साफ-सफाई में भी मदद करता हूँ । पिताजी की दवाईया लाकर, उनके कपड़े इस्त्री करके तथा उनको टीफीन पहुचाकर उनकी मदद करता हूँ ।
(3)     आदमी सच्चा हीराकैसे बन सकता है ?
जवाब: प्रस्तुत कहानी में व्यक्ति के ज्ञान के साथ-साथ उसके कर्म को भी महत्व दिया गया है । आदमी में अच्छा ज्ञान, अच्छी बात है लेकिन वह आचरण में नहीं है तो, निरर्थक है । ज्ञान के साथ-साथ आदमी में दुसरों को मदद करने की भावना भी होनी चाहिए, तभी आदमी सच्चा हीराबन सकता है ।
प्रश्न:2 निम्न लिखित शब्दों के बाद में तुरंत आनेवाले शब्द का अर्थ शब्दकोश में से   ढूँढ़कर लिखिए :
(1)बपौती           = बप्पा         = पिता
(2)व्यथा            = व्यथातुर   = पीड़ित
(3)नियति                   = नियतेंद्रिय = जितेंद्रिय
(4)प्रतिभा                   = प्रतिभाग   = उत्पादनकर
(5)शौर्य             = शौल्क       = शुल्क संबंधी
(6)रुचि              = रुचित       = मनचाहा
(7)बाँटना           = बाँटा         = हिस्सा
(8)क्षमा             = क्षमालु      = क्षमा करने वाला
(9)उद्यान         = उद्यानिकी         = बाग-बगीचे लगाने का काम
(10)अमन                    = अमनस्क  = अनमना
प्रश्न:3          कहानी की चर्चा करके छात्रों से लेखन करवाएँ :
अपने शिक्षक की मदद से निम्नलिखित ढाँचे पर से कहानी का निर्माण करके अपने शब्दों में लिखिए।
राजा का बीमार पड़ना वैद्य की असफलताकिसी अनुभवी बुढ़े की सलाहकिसी सुखी मनुष्य का कुर्ता पहनोराजा का कुर्ता खोजने जानामेहनती किसान को देखनासुख का राज समझना ।
उत्तर:–                                               सुखीहोनेकाराज
विजयनगर नाम का एक राज्य था विजयनगर इलाके के राजा खुमानसिंहजी बड़े भाग्यवान थे उन्हें किसी चीज की कमी नहीं थी, फिर भी एकबार वे बीमार पड़ गए कइ वैद्यो को राज्य में बुलाया कई वैद्यो ने उनका इलाज किया, लेकिन खुमानसिंहजी को कुछ फायदा नहीं हुआ।
कुछ समयबाद राजा की बीमारी धीरे- धीरे बढ़ती गई सारे राज्य में यह बात फैलने लगी एक दिन एक अनुभवी बुज़ुर्ग ने राजा के पास आकर कहा, “महाराज, आप किसी सुखी मनुष्यका कुर्ता पहनिए, अवश्य स्वस्थ हो जाएँगे।उस अनुभवी बुज़ुर्ग की बात सुनकर राजा ने सोचा, “इतने वैद्यो को बुलाया और इतने इलाज किए हैं तो एक और सही उस अनुभवी बुज़ुर्ग की बात मानकर राजा खुमानसिंहजी सुखी मनुष्य की खोज में निकल पड़े     बहुत ढुँढ़ने के बाद वे एक खेत में जा पहुँचे । उस खेत में एक किसान अपने काम में लगा हुआ था राजा खुमानसिंहजी ने उस किसान से पुछा, “क्यों भाई, तुम सुखी हो?” उस किसान ने खुमानसिंहजी से विनम्रता से कहा, “भगवान की कृपा से मुझे कोई दु: नहीं है यह सुनकर खुमानसिंहजी का रोमरोम खील उठा राजा खुमानसिंहजी ने उस किसान का कुर्ता माँगने के लिए उसके शरीर की ओर देखा, तब राजा खुमानसिंहजी को मालुम हुआ कि किसान सिर्फ धोती पहने हुए है और उसका सारा शरीर पसीने से तर-बतर है राजा खुमानसिंहजी तुरंत समझ गये कि कठिन परीश्रम करने के कारण ही यह किसान सुखी है राजा खुमानसिंहजी ने आराम छोड़कर परिश्रम करने का संकल्प किया कुछ दिनों बाद राजा की बीमारी दूर हो गई
सीख : “मेहनत करने से ही स्वास्थ्य प्राप्त होता है और सच्चा सुख मिलता है
प्रश्न:4 निम्नलिखित अपूर्ण कहानी को अपने शब्दों में [ मौखिक एवं लिखित ]पूर्ण   कीजिए :
          ............. उसने कहा, "मैं तुम्हारे ईस प्रश्न का उत्तर अवश्य दूँगा । पहले तुम अपनी मालाओं को लेकर बगीचे में चलो ।" उस दरबारी के कहने पर सभी लोग बगीचे में गए । उस दरबारी दोनो मालोओं को बगीचे में बरगद के पेड़ के नीचे रखने को कहा । बरगद के पेड़ पर मधुमक्खियों का एक छत्ता था । मालाओं को वहाँ रखने के कुछ देर बाद ही मधुमक्खियाँ असली फूलों की माला पर बैठकर फूलों का सर चुसने लगी, जबकि नकली माला पर एक भी मधुमक्खी नहीं बैठी । दरबारी ने असली माला को पहचान लिया और सभी को बताया कि असली माला कौन-सी है । सभी दरबारी उस दरबारी का बुद्धिचातुर्य देखकर दंग रह गए और उसकी प्रशंसा करने लगे ।
प्रश्न:5          निम्नलिखित कहानी का सारांश लिखिए :
नंदवन में एक छोटासा तालाब था तालाब के शीतल जल में राजहंस रहता था वह बड़ा सुंदर था उसी तालाब के पासवाले पेड़ पर दुष्ट कौआ रहता था वह राजहंस की सुंदरता पर ईर्ष्या करता था
एक दिन शिकारी थका हुआ तालाब के पास आया   उसने तालाब से पानी पिया और पेड़ के नीचे विश्राम करने लगा उसे नींद गई कुछ देर बाद शिकारी के मुँह पर धूप आने लगी राजहंस को दया गई राजहंस ने वृक्ष पर बैठकर अपने पंख फैला दिये जिससे शिकारी के मुँह पर छाया गई कौए से हंस की भलाई और शिकारी की सुखद नींद देखी नहीं गई उसने शिकारी को परेशान करने का सोचा, ताकि शिकारी हंस को मार डाले कौआ उड़ता हुआ शिकारी के पास गया और उसके सिर पर चोंच मारी और उड़कर दूर जा बैठा शिकारी तुरंत जाग गया और क्रुद्ध हो गया उसने पेड़ पर देखा तो राजहंस पंख फैलाए बैठा था शिकारी ने सोचा, यह कार्य इसी हंस का है उसने राजहंस को मारने के लिए बाण चलाया, लेकिन राजहंस उसकी आवाज़ सुनकर उड़ गया
उत्तर-                                                        सारांश
एक दिन एक शिकारी एक पेड़ के नीचे सो रहा था ज्योंही उसके मुँह पर धूप आने लगी, एक राजहंस ने अपने पंख फैला दिए, ताकि शिकारी के मुँह पर धूप आए यह देख कर राजहंस से ईर्ष्या करने वाला कौआ शिकारी के सिर में चोंच मारकर उड़ गया शिकारी उठा और गुस्से में आकर बाण चला रहा था कि इसके पहले ही राजहंस उड़ गया   राजहंस को मरवाने की कौए की युक्ति धरी की धरी रह गई
स्वाध्याय



प्रश्न:1        निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
(1)    पहली स्त्री ने अपने बेटे की प्रशंसा कैसे की ?
उत्तर: पहली स्त्रीने अपने बेटे के बारे में बताते हुए कहा कि मेरा बेटा लाखों में एक है वह बहुत ही मीठी आवाज में गाता है उसकी आवाज़ के कारण सब उसका गाना बड़े प्यार से सुनते हैं भगवान सब को मेरे जैसा बेटा दे
(2)    दूसरी स्त्री ने अपने बेटे की तारीफ़ में क्या कहा ?
उत्तर: दूसरी स्त्री ने अपने बेटे की तारीफ़ में कहा कि मेरे बेटे की बराबरी कोई नहीं कर सकता वह बहुत ही शक्तिशाली है वह आधुनिक युग का भीम है
(3)    तीसरी स्त्री ने अपने बेटे कि विशेषता में क्या कहा ?
उत्तर:        तीसरी स्त्री ने अपने बेटे को बृहस्पति का अवतार बताते हुए कहा कि यही मेरी गोद का लाल है वह संस्कृत के श्लोकों का अच्छी तरह से पठन कर सकता है
(4)    चौथी स्त्री ने अपने बेटे का परिचय कैसे दिया ?
उत्तर: चौथी स्त्री ने अपने बेटे का परिचय देते हुए कहा कि मैं अपने बेटे की क्या प्रशंसा करूँ ? वह न तो गंधर्व-सा गायक है, न भीम-सा बलवान और न ही बृहस्पति-सा बुद्धिमान ।
प्रश्न:2 निम्नलिखित वाक्य कौन, किसे कहता है,लिखिए :
(1)    यही सच्चा हीराहै।
       वृद्ध स्त्री,सभी स्त्रीयों को कहती है ।
(2)    माँ, लाओ, मैं तुम्हारा घड़ा पहुचा दूँ
       चौथी स्त्री का लड़का, अपनी माँ को कहता है
(3)    सुनो, मेरा हीरा गा रहा है।
       पहली स्त्री, अन्य स्त्रीयों को कहती है ।
(4)    देखो, यही है मेरी गोद का हीरा
       तीसरी स्त्री, अन्य स्त्रीयों को कहती है ।
(5)     देखो, वह मेरा लाड़ला बेटा आ रहा है ।
       दुसरी स्त्री, अन्य स्त्रीयों को कहती है ।
प्रश्न:3 निम्नलिखित शब्दों को शब्दकोश के क्रम मेंलिखिए
(1)    भलाई, शिकारी, नींद, राजहंस, तलाब, सुंदरता, शीतल, पेड़ ।
उत्तर:        तालाब, नींद, पेड़, भलाई, राजहंस, शिकारी, शीतल, सुंदरता ।
प्रश्न:4 रिक्त स्थान की पूर्ति कीजिए ।
(1) मेरा बेटा साक्षात बृहस्पति का अवतार है
(2) चारों स्त्रीयाँ कुएँ की जगत पर बैठकर बातें करने लगी।
(3) मेरा बेटा आधुनिक युग का भीम है।
(4) पक्षी चह-चहाते हुए अपने नीड़ की ओर जार हे थे।

ôôôôôôôôôô
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