सर्वनाम और उसके भेद
सर्वनाम और उसके भेद
सर्वनाम और उसके भेद |
- "सर्वनाम उस विकारी शब्द को कहते है जो किसी भी संज्ञा के बदले प्रयुक्त होते हैं ।"
- "नाम के बदले जो शब्द आते हैं, उन्हे सर्वनाम कहा जाता हैं ।"
जैसे कि –
- रमेश पाँचवी कक्षा में पढ़ता है ।
- रमेश की पाठशाला गाँव से दूर है ।
- रमेश रोज़ चलकर पाठशाला जाता है ।
- रमेश को पाठशाला जाना पसंद है ।
- रमेश के पिताजी किसान है ।
उपर्युक्त वाक्यो में सर्वनाम का प्रयोग इस प्रकार से होगा –
- रमेश पाँचवी कक्षा में पढ़ता है ।
- उसकी पाठशाला गाँव से दूर है ।
- वह रोज़ चलकर पाठशाला जाता है ।
- उसको पाठशाला जाना पसंद है ।
- उसके पिताजी किसान है ।
उपर्युक्त प्रथम उदाहरणों में रमेश (संज्ञा) नाम है, जो एक ही व्यक्ति के लिए प्रयुक्त हुआ है, लेकिन दुसरे उदाहरणो में रमेश के लिए सर्वनामो का प्रयोग किया गया है । बार बार प्रयुक्त किए जाने वाली संज्ञा के स्थान पर सर्वनाम का प्रयोग करने से वाक्य सरल हो जाता है । सर्वनाम के प्रयोग से संज्ञा को पुनरुक्ति दोष से वचाया जा सकता है ।
संज्ञा से केवल उसी व्यक्ति या वस्तु का बोध होता है जिसकी वह संज्ञा या नाम है, लेकिन सर्वनाम से पूर्वापर संबंध के अनुसार किसी भी वस्तु का बोध होता है । हिन्दी में निम्न लिखित सर्वनामो का प्रयोग किया जाता है-
मै, मैने, हम, हमने, हमे, तुम, तुम्हे, आप, आपको, यह, वह, उसने, उन्हें, जो-सो, जैसा- वैसा,जिसकी-उसकी, कोई, कुछ, कौन, किसे, किसने, क्या आदि ।
प्रयोग के अनुसार सर्वनाम के कुल छः भेद किए गए है, जो इस प्रकार है -
- सर्वनाम के भेद
- पुरुषवाचक सर्वनाम
- निश्चयवाचक सर्वनाम
- अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- संबंधवाचक सर्वनाम
- प्रश्नवाचक सर्वनाम
- निजवाचक सर्वनाम
(1) पुरुषवाचक सर्वनाम -
- "बोलनेवाले, सुननेवाले तथा अन्य पुरुष की संज्ञा के स्थान पर जिन सर्वनामों का प्रयोग होता हैं, उन्हे पुरुषवाचक सर्वनाम कहा जाता हैं ।"
- पुरुषवाचक सर्वनाम पुरुष या स्त्री के नाम के बदले आते हैं । जैसे कि -
- मै बाज़ार गया था ।
- हम क्रिकेट खेल रहे थे ।
- तुम दूध लेकर आओ।
- वह पढ़ रहा है ।
- आप कितनी देर से आएँ हैं ।
पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद है -
1) उत्तम पुरुष (प्रथम पुरुष) - वक्ता (बोलनेवाला) या लेखक (लिखनेवाला ) ।
जैसे कि - मैं, मैने, हम, हमने, हमें आदि ।
- मैं आज्ञाकारी छात्र हूँ ।
- मैने कभी झुठ नही बोला ।
- हम मेले में गए थे ।
- हमने आम खाएँ ।
- हमें पर्यटन में खूब मज़ा आया ।
2) मध्यम पुरुष (द्वितिय पुरुष) - श्रोता (सुननेवाला) या (पढ़नेवाला) ।
जैसे कि - तु, तुम, तुम्हे, आप, आपने, आपको आदि ।
- तु पिताजी को बुलाकर ला ।
- आप खाना खा लिजिए ।
- तुम आज सुंदर लग रहे हो ।
- तुम्हे कम सुनाई देता है ?
- आपको नीचे बुला रहे है ।
3) अन्य पुरुष (तृतिय पुरुष) - वक्ता और श्रोता को छोड़कर अन्य लोग आते हैं अर्थात बोलनेवाला तथा सुननेवाला किसी अन्य व्यक्ति के विषय में कुछ बातें करते हैं ।
जैसे कि - वह, वे, उसे, उन्हे, उसने आदि ।
- वह शादी में जा रहा है
- वे बहुत अच्छा नाचते हैं ।
- उसे तैरना नहीं आता ।
- उसने लड़के की जान बचाई ।
- उन्हे हॉकी में स्वर्णपदक मिला ।
(2) निश्चयवाचक सर्वनाम
- "जिस सर्वनाम से किसी निश्चित व्यक्ति या वस्तु का बोध होता है, उसे निश्चियवाचक सर्वनाम कहते है ।"
- "जिस सर्वनाम से वक्ता के पास या दूर की वस्तु का बोध होता है, उसे निश्चियवाचक सर्वनाम कहते है ।"
जैसे कि - यह, ये, वह, वे आदि ।
- यह मेरा कमरा है ।
- यह हमारा गाँव है ।
- यह हमारा गाँव है ।
- वह पक्षी मुझे बहुत पसंद है।
- वे हमारी किताबे हैं ।
(3) अनिश्चयवाचक सर्वनाम
- "जिस सर्वनाम से किसी निश्चित वस्तु या व्यक्ति का बोध न हो, उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते है ।"
जैसे कि- कोइ, कुछ,किसीको, किसीसे आदि ।
- माता के दरबार से कोई निराश नही लौटा ।
- पड़ोस में कोई मेहमान आया है ।
- बचा हुआ खाना किसीको दे दो ।
- कुछ लोग हल्ला मचा रहे हैं ।
- यह प्रश्न किसीसे हल नही हुआ ।
(4) संबंधवाचक सर्वनाम
- "जिस सर्वनाम से वाक्य में किसी दुसरे सर्वनाम का संबंध स्थापित किया जाए, उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते है ।"
जैसे कि - जो-सो, जैसा-तैसा, जिसकी-उसकी आदि ।
- जैसा करोगे वैसा भरोगे ।
- वह जो न करे सो थोड़ा ।
- जिसकी लाठी उसकी भैंस ।
- जिसने चोरी की वह भाग गया ।
- जो मेहनत करेगा सो फल पाएगा ।
(5) प्रश्नवाचक सर्वनाम
- "जिन सर्ननामो का प्रयोग प्रश्न करने के लिए होता है, उन्हे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते है ।"
- "किसी व्यक्त या वस्तु के बारे में कुछ प्रश्न पूछने के लिए प्रश्नवाचक सर्वनाम का प्रयोग होता है ।"
जैसे कि - कौन, क्या, कैसे, किसको, किसका, कब, कहाँ आदि ।
- आज कौन परीक्षा देने नही आया ?
- पर्यटन में कहाँ जाना है ?
- आपके पिताजी बाज़ार से क्या लाए है ?
- मनोज पहाड़ कैसे चढ़ेगा ?
- किसके पैसे गिर गए ?
(6) निजवाचक सर्वनाम
- "जिस सर्ननाम से पुरुषवाचक सर्वनाम को अपने आप का बोध होता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते है ।"
- "जिन सर्ननामो का प्रयोग स्वयं के लिए होता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते है ।"
- यह कर्ता का बोधक है किन्तु स्वयं कर्ता नही है ।
जैसे कि - आप, स्वयं, खुद, स्वतः, अपनी, अपने आप आदि ।
- वह अपने आप से बात कर रहा है ।
- यह मीठाई मैं स्वयं लाया हूँ ।
- वह औरों से नहीं अपनो से हार गया ।
- मैं खुद यात्रा पर जा रहा हूँ ।
- आप भला तो जग भला ।
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sir aapne bahut hi achha saravnam ke bare me bataya
ReplyDeleteप्रतिभाव देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
DeleteMitesh darji
ReplyDeleteThanks
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