लिंग परिवर्तन | Ling Parivartan in Hindi
लिंग परिवर्तन के नियम Ø संज्ञा के जिस रुप से व्यक्ति या वस्तु की जाति का बोध होता है , उसे व्याकरण में लिंग कहते है । Ø हिन्दी में केवल दो लिंग है – पुल्लिंग और स्त्रीलिंग । Ø अन्य भाषाओ की तुलना में हिन्दी की लिंग व्यवस्था जटिल मानी गई है । (1) नियम : 1 ‘ अकारान्त ’ या ‘ आकारान्त ’ पुल्लिंग शब्दो को ‘ ईकारान्त ’ करदेने से वह संज्ञा स्त्रीलिंग हो जाती है । देव - देवी पुत्र - पुत्री दास - दासी हिरन - हिरनी राक्षस - राक्षसी लड़का - लड़की दादा - दादी चाचा - चाची मामा - मामी नाना - नानी (2) नियम : 2 ‘ आ ’ या ‘ वा ’ से अन्त होनेवाले पुल्लिंग शब्दो में ‘ आ ’ या ‘ वा ’ के स्थान