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मुन्शी प्रेमचंद

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मुन्शी प्रेमचंद हिन्दी साहित्य के उपन्यास सम्राट एवं श्रेष्ठ कहानीकार मुन्शी प्रेमचंद का जन्म वाराणसी ( उ . प्र ) के निकट लमही नामक गाँव मे 31 जुलाई, 1880 में हुआ था । उनकी माता का नाम आनन्दी देवी तथा पिता का नाम अजायबराय था । उनका मूल नाम धनपतराय श्रीवास्तव था । उन्हें नवाबराय के नाम से भी जाना जाता था । सात वर्ष की अवस्था में उनकी माता तथा चौदह वर्ष की अवस्था में पिता का देहान्त हो गया । उनका पहला विवाह पंद्रह साल की उम्र में हुआ जो सफल नहीं रहा। आर्य समाज से प्रभावित होकर उन्होने बाल-विधवा शिवरानी देवी से दूसरा विवाह कर विधवा-विवाह का समर्थन किया । गरीबी में पले प्रेमचंद भावुक साहित्यकार थे । आरंभ में उन्होने उर्दु में लिखना शुरु किया और खूब नाम कमाया । बाद में हिन्दी में लिखना शुरु किया और चोटी के साहित्यकार के रुप में जाने गए । उनके जीवन पर गाँधीजी के सत्याग्रह आंदोलनो का गहरा प्रभाव था । उन्होने 1919 के असहयोग आंदोलन के समय सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया । बादमें ' जागरण ' पत्रिका एवं ' अखिल भारतीय साहित्य परिषद ' की ओर से ' हंस ' पत्रिका...

varno ka vargikaran | वर्णो का वर्गीकरण

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वर्णो का वर्गीकरण Varno ka vargikaran | वर्णो का वर्गीकरण वर्णो का वर्गीकरण  click   Here   to download pdf file    ·       वर्ण किसे कहते है ? वर्ण एक छोटी से छोटी ध्वनि है जिसके टुकड़े नही किए जा सकते । यह हमारी उच्चारित भाषा या वाणी की सबसे छोटी इकाई है । वर्ण को अक्षर भी कहते हैं । वर्णो के मेल से शब्द और शब्दो के मेल से वाक्य बनता है ।        वर्णो के समूह को वर्णमाला कहते हैं । हिन्दी भाषा में 44 अक्षर हैं जिनमें 11 स्वर और 33 व्यंजन हैं । यह वर्णमाला इस प्रकार है – Ø स्वर      :- जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से होता हो और जो व्यंजनों के उच्चारण में सहायक हों वे स्वर कहलाते हैं। स्वर का उच्चारण बिना किसी अवरोध या ध्वनिबाधा से होता है । इनके उच्चारण में किसी दूसरे वर्ण से सहायता नहीं ली जाती अर्थात ये सभी स्वतंत्र हैं । ये संख्या में ग्यारह हैं- अ,    आ,   इ,     ई,     उ,     ऊ,    ...